ज़िंदगी के रंग – 192

जी लो ज़िंदगी, जैसी सामने आती है.

क्योंकि ज़िंदगी कभी वायदे नहीं करती.

इस लिए शिकायतें बेकार है.

और कुछ बातों  हम बदल नहीं सकते.

इसलिए अपने आप से शिकायतें बेकार है.

छोटी-छोटी ख़ुशियों में छिपी हैं बड़ी ख़ुशियाँ ,

छोटी दीवाली से  मना लो बड़ी दिवाली .

शुभ छोटी दीवाली!!!

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