गुमान रखें अपनी फोटोग्राफिक स्मृति पर
अपनी ना भूलने की क्षमता पर
आपकी ताकत कमजोरी बन रही
यह है आपका भ्रम
आप पहले से नहीं कुछ कम
बस अपने प्रयास की दिशा बदल देवें
भूलने के बजाय करें याद करने का श्रम
छोटे, बड़े, सुन्दर. अति सुन्दर
संग बीते उन बेहतरीन क्षणों का |
कभी भूलना चाहा भूल नही पाया,
अब याद करता हूँ,
मगर याद नही आता,
सच गुमान ही था
जब मर्जी भुला दूँ,
जब मर्जी याद कर लूँ,
मगर अब सारे गुमान हवा हो गए,
एक तारीख में आकर उलझ गए।
गुमान रखें अपनी फोटोग्राफिक स्मृति पर
अपनी ना भूलने की क्षमता पर
आपकी ताकत कमजोरी बन रही
यह है आपका भ्रम
आप पहले से नहीं कुछ कम
बस अपने प्रयास की दिशा बदल देवें
भूलने के बजाय करें याद करने का श्रम
छोटे, बड़े, सुन्दर. अति सुन्दर
संग बीते उन बेहतरीन क्षणों का |
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बहुत शुक्रिया रविंद्र जी सुंदर कविता से हौसला अफजाई करने के लिए. बहुत-बहुत धन्यवाद.
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Wah
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thank you.
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इन पंक्तियों द्वारा तो आपने मेरे दिल की बात को जुबान दे दी रेखा जी ।
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यह जानकर बहुत अच्छा लगा जितेंद्र जी कि कोई और भी मेरे जैसा सोचता और महसूस करता है। आभार !
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Hmm
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कभी भूलना चाहा भूल नही पाया,
अब याद करता हूँ,
मगर याद नही आता,
सच गुमान ही था
जब मर्जी भुला दूँ,
जब मर्जी याद कर लूँ,
मगर अब सारे गुमान हवा हो गए,
एक तारीख में आकर उलझ गए।
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सही लिखा है मधुसूदन. आपने मेरी कविता को ठीक समझा है. कवितामय उत्तर के लिए दिली आभार.
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