अंश October 13, 2019October 14, 2019 Rekha Sahay कई बार मर- मर कर जीते जीते, मौत का डर नहीं रहता. पर किसी के जाने के बाद अपने अंदर कुछ मर जाता है. ….शायद एक अंश अपना. वह ज़िंदगी का ना भरने वाला सबसे बड़ा ज़ख़्म, नासूर बन जाता है. Rate this:Share this:FacebookMorePinterestTumblrLinkedInPocketRedditTwitterTelegramSkypeLike this:Like Loading... Related
Jindagi bahut Tarah ke Sabak deti rahati hai. Bas unhi sabako ka natija hai yah. Jab baaten dil se nikalti hai tab hi dil ko chhuti hai. LikeLike Reply
तलत जी और लता जी के दिल को छू लेने वाले युगल गीत – ‘जब जब फूल खिले तुझे याद किया हमने’ का एक अंतरा है : मन को मैंने लाख मनाया पर अब तो है वो भी पराया ज़ख़्म किये नासूर तेरी याद के मरहम ने LikeLiked by 1 person Reply
आभार आपको ! लिखने वाले को दाद देनी होगी. ये पंक्तियाँ बिलकुल सहीं बातें कहती हैं. LikeLiked by 1 person Reply
एक आम इंसान के लिए स्मृतियाँ ही सबकुछ हैं उनके बाहर कुछ भी नहीं ।इसीलिए तो जब कोई नहीं होता उसकी स्मृतियाँ उसे ज़िंदा रखती हैं ,और लोगों की स्मृतियों में हम ज़िंदा रहते हैं।इसके इतर तो सिर्फ वर्तमान है भूत भविष्य कुछ भी नहीं। LikeLiked by 1 person Reply
मैं अपने अंदर की ख़ुशियाँ और ग़म पन्नों पर उतार आगे बढ़ने की कोशिश में हूँ. वरना इस व्यस्त दुनिया में किसे समय है इन बातों के लिए . आभार . LikeLiked by 1 person
Dard hai isme Ye h such hai
LikeLiked by 1 person
Dil se nikle shabd hai. Shukriya
LikeLike
Aap ke alfaz dil ko chhu jate hai kaha se lati hai ye lafz
LikeLiked by 2 people
Jindagi bahut Tarah ke Sabak deti rahati hai. Bas unhi sabako ka natija hai yah.
Jab baaten dil se nikalti hai tab hi dil ko chhuti hai.
LikeLike
Bilkul sahi,
Aap me bhi bahut dard h jo aap ki post me jhalakta h
LikeLiked by 1 person
ज़िंदगी बहुत रंग दिखाती है. ढेरों सबक़ सिखाती है. इस दुनिया का यही नियम है.
LikeLike
😐
LikeLiked by 1 person
तलत जी और लता जी के दिल को छू लेने वाले युगल गीत – ‘जब जब फूल खिले तुझे याद किया हमने’ का एक अंतरा है :
मन को मैंने लाख मनाया
पर अब तो है वो भी पराया
ज़ख़्म किये नासूर
तेरी याद के मरहम ने
LikeLiked by 1 person
आभार आपको !
लिखने वाले को दाद देनी होगी. ये पंक्तियाँ बिलकुल सहीं बातें कहती हैं.
LikeLiked by 1 person
एक आम इंसान के लिए स्मृतियाँ ही सबकुछ हैं उनके बाहर कुछ भी नहीं ।इसीलिए तो जब कोई नहीं होता उसकी स्मृतियाँ उसे ज़िंदा रखती हैं ,और लोगों की स्मृतियों में हम ज़िंदा रहते हैं।इसके इतर तो सिर्फ वर्तमान है भूत भविष्य कुछ भी नहीं।
LikeLiked by 1 person
ठीक लिखा है तुमने.
ये यादें, स्मृतियाँ ख़ुशियाँ देतीं और तकलीफ़ भी.
LikeLiked by 1 person
बिल्कुल, यही तो!
LikeLiked by 1 person
मैं अपने अंदर की ख़ुशियाँ और ग़म पन्नों पर उतार आगे बढ़ने की कोशिश में हूँ. वरना इस व्यस्त दुनिया में किसे समय है इन बातों के लिए .
आभार .
LikeLiked by 1 person
Bilkul…badhte rhna hi jite rhna hai!
LikeLiked by 1 person
thanks dear.
LikeLiked by 1 person
Suberb lines ..heart touching
LikeLiked by 1 person
Thank you dear
LikeLike
You are most welcome …
LikeLiked by 1 person
बहुत अच्छी तो नहीं हूँ पर ठीक होने की कोशिश में हूँ.
तुम कैसी हो मैथिली.
LikeLike
Kaisi ho aap?
LikeLike
i am trying to be ok. thank you Maithily.
LikeLiked by 1 person