समय बातें नहीं सुनता.
कितनी बार चाहा खुशियों के पलों में
ज़िंदगी थम जाये.
और समय पंख लगाकर उड़ गया.
पर जब ना चाहा समय थम जाए.
तब जैसे थम सा गया….
धीरे धीरे मंथर गति में.
क्यों समय बातें नहीं सुनता?
समय बातें नहीं सुनता.
कितनी बार चाहा खुशियों के पलों में
ज़िंदगी थम जाये.
और समय पंख लगाकर उड़ गया.
पर जब ना चाहा समय थम जाए.
तब जैसे थम सा गया….
धीरे धीरे मंथर गति में.
क्यों समय बातें नहीं सुनता?
Sahi
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Aabhar
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🙏
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So much deep
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Thank you
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You are welcome
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