कभी कभी टूटने दो हमें !!

शब्दों से…सहारे से…ना समझाओ हमें,

कि हमने सब संभाल रखा है बड़े अच्छे से।

 जब हम न संभाल सकें

     टूटने दो हमें भी कभी कभी ……..

 चाह नहीं है हमें हमेशा पहाड़ों को जीतने की।

कभी कभी पेड़ों के झुरमुट में चुपचाप चलना,

चँद बुंद आँसू बहाना भी अच्छा लगता है.

9 thoughts on “कभी कभी टूटने दो हमें !!

  1. यह सच है। कभी-कभी हमें सबसे सरल जीवन जीने के लिए बदलाव करने की आवश्यकता होती है। बहुत बढ़िया आपकी कविता।

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  2. अच्छी अभिव्यक्ति👌,जो वक़्त के साथ खुद को नहीं बदलता वक़्त उसे खुद बदल देता है.।

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