हौसला September 11, 2019September 11, 2019 Rekha Sahay ज़िंदगी को चलाना हौसला नहीं है. बल्कि जब ज़िंदगी में कुछ भी ना करने की ताक़त रहे तब भी खड़े रहना हौसला है. Rate this:Share this:FacebookMorePinterestTumblrLinkedInPocketRedditTwitterTelegramLike Loading... Related
बढ़िया कविता ! ऐसी ही एक और -‘लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती , कोशिश करबे वालों की कभी हार नहीं होती!'( सोहनलाल द्विवेदी ) LikeLiked by 1 person Reply
तुम्हारा आभार! तुमने तो बहुत महान कवि का उदाहरण दे कर मेरा मान बढ़ा दिया. मैं तो बस अपने मनोभावों को कुछ पंक्तियों में लिखती रहती हूँ. LikeLiked by 2 people Reply
मैम कोई बड़े कवि ऐसे ही तो नही बनते , हम भी बन सकते हैं … हां मेहनत और कोशिश बनाए रखनी होगी !मुश्किल कुछ भी नहीं। LikeLiked by 1 person
👌👌👌💜
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Thank you 😊
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बिल्कुल सही बात है 👍
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धन्यवाद आपका
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Bilkul sahi
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बढ़िया कविता ! ऐसी ही एक और -‘लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती , कोशिश करबे वालों की कभी हार नहीं होती!'( सोहनलाल द्विवेदी )
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तुम्हारा आभार!
तुमने तो बहुत महान कवि का उदाहरण दे कर मेरा मान बढ़ा दिया. मैं तो बस अपने मनोभावों को कुछ पंक्तियों में लिखती रहती हूँ.
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मैम कोई बड़े कवि ऐसे ही तो नही बनते , हम भी बन सकते हैं … हां मेहनत और कोशिश बनाए रखनी होगी !मुश्किल कुछ भी नहीं।
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बहुत शुक्रिया . तुम्हारी बातें अच्छी लगीं.
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मगर जब लिखती हैं चंद पंक्तियाँ होती हैं मगर भाव ––क्या कहने।👌👌
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बहुत बहुत शुक्रिया मधुसूदन!
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