सर्द शाम

धूप की चादर तले,

धूप-छांव से आँख मिचौली खेलते

बादलों को देख ख़्याल आया-

गुज़रे पुराने दिनों से किसी

एक दिन से थोड़ा सर्द शाम चुरा लें,

तो शायद पुराना मौसम लौट आए….

यादों के धुँध में लिपटा हुआ.

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