बाज़ार

हर बाज़ार में यह

नियम ज़रूर होता है .

जिस चीज़ की कमी है

उसका मोल ज़्यादा है।

या जो ज़्यादा है

उसका मोल कम है.

अगर अपना मोल रखना है….

ऊपर, सरे बाज़ार में.

अपनी अच्छाइयाँ औ

मोहब्बत को हिसाब में रहने दो.

वरना लोग तुम्हारा मोल भूल जाएँगे.

40 thoughts on “बाज़ार

  1. बिल्कुल सही रेखा जी, ज्यादा अच्छाई भी खतरनाक होती है। लोग बेवकूफ समझने लगते हैं।

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    1. yah to hamesha maanaa jaata raha hai. yah nahi padhe ho?
      – अति सर्वत्र वर्जयेत्” जिसका हिंदी शब्दार्थ है कि “अति करने से हमेशा बचना चाहिए”,

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