शब्दों में ज़िंदगी ढूँढते ढूँढते
ना जाने कितना कुछ लिख गए.
कितना लिखा….मिटाया….लिखा..
पर
प्यार क्या है …..
ज़िंदगी क्या है …
शब्दों में उकेर हीं नहीं पाए,
बस अपनी भावनाओं को शब्दों
में तराशने की असफल
कोशिश करते रहे……
शब्दों में ज़िंदगी ढूँढते ढूँढते
ना जाने कितना कुछ लिख गए.
कितना लिखा….मिटाया….लिखा..
पर
प्यार क्या है …..
ज़िंदगी क्या है …
शब्दों में उकेर हीं नहीं पाए,
बस अपनी भावनाओं को शब्दों
में तराशने की असफल
कोशिश करते रहे……
Bilkul sahi …Likha ji
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Shukriya .
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🙏
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🙂 🙂 so wonderful ….
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Thank you so much 😊
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हाँ, हम भी लगे।
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??
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ये समझना में
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Question mark hai .
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Maine poetry ka bola…..
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क्या?कविता में कुछ गड़बड़ी है क्या?
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Ni, mujhe pasnd aai ✌✌✌
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Ok
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अच्छी है
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शुक्रिया
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😇😇😇
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ज़िन्दगी खूबसूरत हर्फ़ों की माला है , जिसे हम फेरते रहते हैं बाक़ायदा… क्या पता कब कुछ कुछ नया मिल जाये !😊
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वाह !!! बहुत अच्छी बात कही तुमने. शुक्रिया !!!
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😊😊
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