आँखों से छलकती ख़ुशियाँ जब,
पीछे छुपे ग़म को ढक लेतीं हैं ….
धूप-छांव, धुँध-धुआँ और
बे-वजह मुस्कुराहट भरी
रिश्वतों के पीछे.
ख़ुशियों ….के जन्मदिन…के
कुछ पल जश्न से मना लेते हैं…..
आँखों से छलकती ख़ुशियाँ जब,
पीछे छुपे ग़म को ढक लेतीं हैं ….
धूप-छांव, धुँध-धुआँ और
बे-वजह मुस्कुराहट भरी
रिश्वतों के पीछे.
ख़ुशियों ….के जन्मदिन…के
कुछ पल जश्न से मना लेते हैं…..