रेत पर गुज़रती हवा सी
सरसराती गुज़र जाती है
यादें बीते लम्हों की .
पर ज़िंदा तो वे
युगों युगों तक रहतीं हैं.
और तनहाइयों में
अकेला पा दिल का
दरवाज़ा खटकाए बिना
आतीं हैं और
चुपके से ले जातीं हैं,
किसी और जहाँ में.
जहाँ होते हैं हम हीं हम और ……
हँसती खिलखिलातीं
यादें जीवंत ….जीती जागती.
बिल्कुल सही कहा आपने!!
यादे तो यादे होती हैं..बड़ी कमाल की होती हैं..
बैठे बैठाए कहीं पर भी होठों पर मुस्कराहट आ जाती हैं..
यादे चाहें किसी की हो..बचपन की हो,या फिर किसी के साथ रिलेशनिप की हो…
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हाँ , बड़ी कमाल की होतीं हैं.
और यह ख़ुशियाँ भी लाती हैं और उदासी भी.
बहुत आभार मंजू, राहुल .
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🙏
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Yhi to jeewan hai …Sundar kavita
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हाँ , और जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं यादें. शुक्रिया.
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,😊
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बिल्कुल सच रेखा जी । बहुत अच्छी और एकदम सही बात कही है आपने । ज़िंदगी से यादों को निकाल दिया जाए तो उसमें बचेगा ही क्या ?
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यही ज़िंदगी है. इन्हीं ख़ुशियों – ग़मों के बीच जीना है. तब यादें हीं सहारा बनतीं हैं.
आपका आभार.
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Dil ko choo lene wali panktiyan… Bahut hi umda… 🤗🙏🤗
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आशीष , मेरी ज़्यादातर कवितायें या सच कहूँ तो सभी कवितायें मेरे मन और दिल की बातें होतीं हैं. शायद इसलिए तुम्हें पसंद आईं .
बहुत आभार .
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Dil se nikle shabd hamesha achi rachna ko janm deti hai… 🙏🤗🙏
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Bilkul sahi . Shukriya Ashish .
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हम यादों के सहारे ही जिंदा हैं। इसके बगैर जीवन की कल्पना ही बेकार। खूबसूरत लेखन।👌👌
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जी बिलकुल. शुक्रिया.
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