ज़िन्दगी का सफ़र बिना रुके चलता रहता है .
जीवन के झंझावतो को झेलते
कठिनाइयों से खेलते
ज़िंदगी रंगो में रंगा
ज़िंदादिली से जीने का जज़्बा है.
जहाँ उम्र मात्र एक संख्या है.
मुस्कुरा कर उलझने सुलझा कर चलना है .
जीवन के हर खेल को
बिना रंजो शिकन जीत में बदलना है .
ग़मों को छोड़ पीछे मुस्कुरा है
क्योंकि ज़िन्दगी है ख़ूबसूरत
और हमें प्यार करती है
इसलिए उसके सिखाए सबक़ को
रंगे ज़िंदगी समझ बस चलना है …..
ज़िंदादिली से जीने का जज़्बा है.
जहाँ उम्र मात्र एक संख्या है.
बिल्कुल सही कहा। जिंदगी जिंदादिली का नाम है। 👌👌
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😊 बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ मधुसूदन. उम्र तो वास्तव में अनुभव के ख़ज़ाने को दर्शता है.
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bilkul.
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शुक्रिया .
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