मेहंदी के रंग से लम्हे June 26, 2019June 27, 2019 Rekha Sahay जो सिर्फ़ अपनी ख़ुशबू छोड़ गए, काश़ वे लम्हें मेहंदी के रंगों की तरह हथेलियों में रच बस जाते. Rate this:Share this:FacebookMorePinterestTumblrLinkedInPocketRedditTwitterTelegramSkypeLike this:Like Loading... Related
शुक्रिया जितेंद्र जी. दिल की बात लिखने के बाद ख़्याल आया, मेहंदी की रंगत भी कुछ ही दिन साथ निभती है. ज़िंदगी ऐसी हीं होती है. LikeLiked by 1 person Reply
बहुत ख़ूब रेखा जी ! वाक़ई दिल में उतर जाने वाली बात है यह ।
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शुक्रिया जितेंद्र जी.
दिल की बात लिखने के बाद ख़्याल आया, मेहंदी की रंगत भी कुछ ही दिन साथ निभती है. ज़िंदगी ऐसी हीं होती है.
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