ज़िंदगी के रंग – 166

ये ज़िंदगी रोज़ नए सबक़ लेकर सामने आती है.

परेशानियों , उलझनों में उलझाती है .

कुछ ना कुछ सबक़ दिए जाती है.

क्योंकि

यह ज़िंदगी हम से प्यार करती है।

11 thoughts on “ज़िंदगी के रंग – 166

    1. क्या आपने अपना साइट delete कर दिया है ? जब भी खोलना चाहती हूँ यह जवाब मिलता है – ikanthika.Wordpress.com
      is no longer available.
      The authors have deleted this site.

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      1. जी बहुत पुरानी थी वो। कल नई बनाई है। उसे देखिये

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