2000 में, ग्लासगो ने कुछ इलाकों में नीली स्ट्रीट लाइटिंग लगाने के बाद में इन क्षेत्रों में कम अपराध की की रिपोर्ट दर्ज की गई। इस रिपोर्ट को कई समाचार पत्रों ने छापा। जापान की एक रेल कंपनी ने अक्टूबर 2009 में आत्महत्या के प्रयासों को कम करने के लिये अपने स्टेशनों पर नीली बत्ती लगाई।
रंग मनोविज्ञान मानव व्यवहार के वैसे हीं प्रभावित करता है जैसे भोजन का स्वाद। रंग प्लेसबो के प्रभाव को भी बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, लाल या नारंगी दवा की गोलियां आमतौर ज्यादा असरकारक मानी जाती हैं। कौन रंग वास्तव में किसी व्यक्ति को कितना प्रभावित कर सकता है, यह अलग-अलग होते हैं। लिंग, आयु और संस्कृति जैसे कारक इसे प्रभावित कर सकते हैं । उदाहरण के लिए, एक अध्ययन में पुरुषों ने रिपोर्ट किया कि लाल पोशाक महिलाअों का आकर्षण बढ़ाता है, जबकि महिलाअों ने पुरुषों से प्रभावित होने में रंगों के असर से इनकार किया। मार्केटिंग और ब्रांडिंग में कलर साइकोलॉजी का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
रंग मनोविज्ञान का सामान्य मॉडल छह सिद्धांतों पर निर्भर करता है:
सभी व्यक्ति के लिये हर रंग का एक विशिष्ट अर्थ होता है।
रंगों का यह अर्थ या तो सीखा या जैविक रूप/ जन्मजात होता है।
किसी रंग की पहचान व्यक्ति के विचार से स्वतः जुङ जाती है।
फिर व्यक्ति उस रंग से प्रेरित हो व्यवहार करता है।
व्यक्ति आमतौर पर आप से आप इससे प्रभावित होता है।
रंग, उसका अर्थ और प्रभाव परिस्थिती के अनुसार भी काम करना है।
courtesy – wikipedia
Waah pahli baar Jana Aisa bhi hota 👍👍
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sare advertisement issi aadhaar par bante hai. yah important hai.
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महत्वपूर्ण जानकारी !
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आभार !
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Interesting observation. Nice post 😊
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Thank you 😊
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Very interesting post!
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Thank you 😊
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Very interesting.
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Thank you 😊
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