आधे चाँद का दर्द
वही समझ सकता है,
जो आधा अधूरा होने
का एहसास जानता है.
चाँद जानता है
जल्दी ही वह पूरा हो कर आएगा .
भले हीं एक दिन के लिये हीं……
वह पूरा होने की जद्दो -जहद में
दस्तूर निभाता रहता है………
यह सोच कर कि उसका इंतज़ार
और सब्र काम आएगा।
जरूर चाँद एक दिन पूरा होगा,
बहुत खूब लिखा
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आभार पंकज !
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*यहां लगता है भूतों का मेला, चढ़ता है खुद के वजन का गुड़!!@!!*
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Unique information
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धन्यवाद
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Wow… Simple and deep
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Thank you Kanika
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*कुंभ मेला अखाडो की सूची*
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धन्यवाद , नागा साधुओं का अखाड़ा क्या कहलाता है ?
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🙏🙏
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पोस्ट मे आपकी जानकारी दी गयी है।
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