कहीं पढ़ा – उठना….. गिरना,
गिर-गिर कर उठना हीं सफल
जीवन की पहचान है।
ऊपर वाले कितनी बार कवायद करवाअोगे?
पानी के चलते फव्वारे या
गेंद के जैसा एहसास होता है ।
अब तो इज़ाजत दो थोङा ठहरने की , सुस्ताने की,
थोङी तो चैन की साँस लेने दो।
The true measure of success is how many times you can bounce back from failure.
कहीं पढ़ा – उठना….. गिरना,
गिर-गिर कर उठना हीं सफल
जीवन की पहचान है।
ऊपर वाले कितनी बार कवायद करवाअोगे?
पानी के चलते फव्वारे या
गेंद के जैसा एहसास होता है ।
अब तो इज़ाजत दो थोङा ठहरने की , सुस्ताने की,
थोङी तो चैन की साँस लेने दो।
सीढियां ऊपर पहुंचाती हैं
पर चढ़ना खुद को पड़ता है।
जिन्हे उंचाई से डर लगता है
उन्हे खुद से लड़ना पडता है।
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उम्दा !!! सही बात है .
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बिल्कुल
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धन्यवाद .
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Lajwab ……behtarin panktiya…..
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Lajwab lekhan.
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आभार आपका।
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