आँसू अौर मुस्कान

 

कुछ हँस कर, कुछ रो कर झेलते हैं।

 दुःख सहने का अपना- अपना तरीका होता है।

क्या अच्छा हो, गर आँखों में आँसू  पर  होंठों पर मुस्कान हो।

 

 

Image from internet.

14 thoughts on “आँसू अौर मुस्कान

  1. जिन लोगों को ईश्वर ने जरूरत से ज्यादा सहनशीलता दी होती है, अक्सर उनके साथ यही होता है।

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    1. हाँ , यह बात सही है. पर परिवार और समाज नारी को सहनशीलता का पाठ पढाता है, अपने हक के लिये लड़नेवाली नारी बनने की सीख देने के बदले.

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