रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं (कविता) #RavanVadhh


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सदियाँ अौर युग बीते,

रावण कभी नहीं मरा,

उसने अत्याचार किया, पर परस्त्री को स्पर्श नहीं।

आज के रावण तो नारी अस्मिता के भक्षक हैं।

नहीं लगाते दहेज पर विराम।

पर काली -दुर्गा कहलानेवाली के गर्भयात्रा को हीं रोक देतें हैं……….

क्यों नारी नापी जाती है मात्र रुप-रंग से,

क्यों नहीं योग्यता बौद्धिकता से?

क्यों नहीं यह माप-दंङ पुरुषों पर लागु है?

सुंदरता तो हमारे नयनों में होती है।

यह सब सौंदर्य बोध अौर नियम तो हमने बना लिया है………….

सदियाँ अौर युग बीते,

रावण कभी नहीं मरा,

रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं।

images from internet, with thanks.

56 thoughts on “रावण है, इसलिये राम याद आतें हैं (कविता) #RavanVadhh

  1. रावण को यदि अंधकार का प्रतीक माना जाए तो ही प्रकाश रूपी राम की स्मृति आती है । आपकी कविता का शीर्षक ही सब कुछ स्पष्ट कर देता है । तम न हो तो सत्व का मूल्य कौन पहचाने ? लेकिन आपकी इस कविता की प्रारम्भिक चार पंक्तियाँ अधिक उपयुक्त हैं । त्रेता युग के उस रावण का तो एक चरित्र था जिस पर वह सदा अडिग रहा । आज के रावणों से तुलना की जाए तो वह रावण आलोचना का न्यून एवं प्रशंसा का अधिक पात्र प्रतीत होता है । आपकी कविता की अंतिम पंक्तियाँ भी उपयुक्त हैं । सुंदरता तो वस्तुतः देखने वाले के नेत्रों में ही बसती है । प्रशंसनीय कविता के लिए आपका अभिनंदन ।

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    1. आपने सही कहा. रावण अति विद्वान शिव भक्त ब्राह्मण था. उसने शूर्पनखा के कटी नाक के द्वेष में सीता हरण किया पर उन के साथ अभद्र व्यवहार नहीँ किया. आज़ के समय में नैतिकता का पतन हो चुका हैं.
      आपकी अंधकार और प्रकाश की विवेचना बड़ी सटीक लगी.
      कविता के बीच की पंक्तियाँ दिये गये विषय की सार्थकता के ख़याल से लिखी गई हैं. दरअसल यह कविता IB के indispire में दिये गये विषय पर रचित हैं.
      आपका बहुत धन्यवाद , बस ऐसे ही आप मेरी रचनओं के सुधि पाठक बने रहे.

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  2. अच्छा पोस्ट लिखा आपने …….. रेखा जी लिखना तो हमे भी उतना बेस्ट नही आता है लेकिन जो मन में आता है उन विचारो को अपने शब्दो में लिखने का कोशिश जरूर करता हु ,

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    1. मैं भी आपकी तरह विचारों को शब्दो में ढालने और रुप देने की कोशिश करती हूँ. आपको पसंद आया यह जान कर खुशी हुई. धन्यवाद राकेश. मुझे आपके post पसंद आये , विशेष कर दोस्ती की पौराणिक कहानी. पढ़ते रहिये और लिखते भी. 😊😊

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  3. रेखा जी थैंक्स फॉर – सच्ची दोस्ती की पौराणिक कहानिया पोस्ट के लिए जो आपको पसंद आया, मैं इस पोस्ट के बारे में आपसे एक बात शेयर करना चाहता हु की ये पोस्ट मैंने बहुत दिन पहले ही लिखा था लेकिन इस पोस्ट को पब्लिश इसलिए नही कर रहा था की आज के ज़माने में जहा सिर्फ पैसा ही लोगो का आखिरी पड़ाव होता है ऐसे में दोस्ती का क्या महत्व रह जाता है फिर मैंने ये सोचकर इस पोस्ट को पब्लिश किया की शायद किसी को तो मेरे द्वारा लिखी गयी बाते पसंद आएगी , सो एक बार फिर से धन्यवाद , बने रहिये आप अच्छीएडवाइस.कॉम के साथ

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    1. स्वागत हैं. सब जानते हैं , सच्ची दोस्त्ती ही निभती हैं. वरन कृष्ण सुदामा क्यों याद किये जाते ? मतलब की दोस्ती का मोल नहीँ होता हैं.

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  4. Bahut hi badhiya! “Raavan hai isliye hi sab Ram ko yaad karte hain” ye pankti hi apne aap mein itna kuch sochne pe majbur karti hai ki ye ek seekh seekhane ke liye kaafi hai.. Really loved it to the core! 🙂

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      1. As you know , Ravan symbolises evils that are present in our society. Today, women are ill treated n raped.Its a paradox that, we call women Durga n kali but female foeticide is still prevalent. In our society women are judged by their beauty and their superficial looks, not by their merit. I believe, this is a sad state.

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